गौतमबुद्धनगर/ फेस वार्ता: पुलिस कमिश्नर गौतमबुद्धनगर श्रीमती लक्ष्मी सिंह के निर्देशन तथा डीसीपी महिला सुरक्षा के नेतृत्व में कमिश्नरेट गौतमबुद्धनगर में Family Dispute Resolution Centre (FDRC) द्वारा पारिवारिक विवादों एवं तनाव से संबंधित मामलों में काउंसलिंग व मध्यस्थता के माध्यम से प्रभावी समाधान कराया जा रहा है।
कमिश्नरेट गौतमबुद्धनगर में संचालित FDRC सेक्टर-108, FDRC नॉलेज पार्क एवं FDRC चेरी काउंटी में वर्ष 2025 में अब तक कुल 533 प्रकरण प्राप्त हुए, जिनमें से 411 प्रकरणों का सफलतापूर्वक निस्तारण किया जा चुका है, जबकि शेष 122 प्रकरणों में मध्यस्थता की कार्यवाही प्रचलित है। निस्तारित किए गए 411 प्रकरणों में से 24 प्रकरणों में एफआईआर दर्ज की गई, जबकि शेष 387 प्रकरणों का आपसी सहमति से समाधान कराया गया है। इस प्रकार मात्र 5% केस में पुलिस कार्यवाही की गई। शेष 95% मामलों का समाधान हुआ और परिवार टूटने से बचे। वैवाहिक मतभेदों का शांतिपूर्वक निस्तारण करना दुष्कर कार्य होता है। यह FDRC की अभूतपूर्व सफलता है। FDRC का मुख्य उद्देश्य पारिवारिक विवादों का सौहार्दपूर्ण समाधान कर परिवारों को टूटने से बचाना तथा समाज में शांति एवं स्थिरता बनाए रखना है। FDRC एवं महिला सहायता प्रकोष्ठ की टीम द्वारा एक्सपर्ट प्रोफेशनल काउंसलर्स की सहायता से दोनों पक्षों को सुनकर निष्पक्ष वातावरण में मध्यस्थता, परामर्श एवं मार्गदर्शन प्रदान किया जाता है। इसके माध्यम से मानसिक, भावनात्मक एवं व्यवहारिक समस्याओं को समझते हुए घरेलू हिंसा, दहेज एवं अन्य सामाजिक मुद्दों से जुड़े मामलों में प्रभावी समाधान प्रस्तुत किया जाता है। हाल ही में निस्तारित कराए गए प्रमुख प्रकरण- केस–1:FDRC सेक्टर-108, नोएडा में एक दंपति—आवेदिका श्रीमती अनीता (काल्पनिक नाम) एवं उनके पति विजय (काल्पनिक नाम), निवासी नोएडा—के मध्य उत्पन्न वैवाहिक विवाद का सफल एवं सौहार्दपूर्ण समाधान कराया गया।आवेदिका द्वारा पति एवं अन्य ससुरालीजनों के विरुद्ध घरेलू हिंसा, सोशल मीडिया (इंस्टाग्राम रील/फेसबुक लाइव) से संबंधित विवाद, मानसिक व शारीरिक उत्पीड़न तथा घरेलू खर्च न देने के आरोप में शिकायत दी गई थी। मामले में FDRC सेक्टर-108 प्रभारी एवं एक्सपर्ट प्रोफेशनल काउंसलर्स टीम द्वारा पति-पत्नी को कुल 04 बार विभिन्न तिथियों पर बुलाकर मध्यस्थता कराई गई, जिसके परिणामस्वरूप दोनों पक्षों ने आपसी सहमति से साथ रहने का निर्णय लिया। आवेदिका का एक बेटा व एक बेटी भी है तथा आवेदिका पिछले 10 माह से अलग अपने मायके में रह रही थी। मध्यस्थता के दौरान बच्चों की भी काउंसलिंग की गई क्योंकि दोनों बच्चे भावनात्मक और मानसिक रूप से माता-पिता की लड़ाई से परेशान थे। सफल काउंसलिंग द्वारा एक टूटे परिवार को फिर से अपने के कर दिया गया।
केस–2:FDRC चेरी काउंटी में एक नवविवाहित दंपत आरव (काल्पनिक नाम) एवं उनकी पत्नी रिया (काल्पनिक नाम)—के मध्य उत्पन्न वैवाहिक विवाद का सफल समाधान कराया गया।
समायोजन संबंधी कठिनाइयाँ, अपेक्षाओं का मेल न बैठना तथा व्यक्तित्वगत अंतर के कारण दंपति के बीच तनाव उत्पन्न हो गया था। FDRC प्रभारी एवं एक्सपर्ट प्रोफेशनल टीम द्वारा कुल 06 संरचित काउंसलिंग सत्र आयोजित किए गए, जिसमें दोनों पक्षों को एक-दूसरे के दृष्टिकोण को समझने का अवसर प्रदान किया गया। काउंसलिंग के दौरान यह भी उल्लेखनीय था कि आवेदिका 05 माह की गर्भवती थी, जिससे दंपत्ति के बीच भावनात्मक स्थिरता और सहयोगपूर्ण वातावरण बनाना ओर भी महत्वपूर्ण हो गया था। प्रोफेशनल टीम एवं पुलिस कर्मियों के निरंतर सहयोग से प्रेरित होकर दंपति ने अपने वैवाहिक जीवन को आगे बढ़ाने तथा अपने होने वाले बच्चे के लिए सकारात्मक वातावरण बनाए रखने का संयुक्त निर्णय लिया।
केस–3:FDRC नॉलेज पार्क, ग्रेटर नोएडा में एक दंपति श्रीमती प्रियांशी (काल्पनिक नाम) एवं उनके पति सोनू (काल्पनिक नाम), निवासी मिगसन ट्विन ईटा-2, ग्रेटर नोएडा—के मध्य वैचारिक मतभेदों एवं तालमेल की कमी के कारण उत्पन्न विवाद का सफल समाधान कराया गया।
प्रकरण में एक्सपर्ट प्रोफेशनल टीम एवं पुलिस कर्मियों द्वारा संयुक्त रूप से कुल 03 मध्यस्थता/परामर्श सत्र5 आयोजित किए गए। दोनों पक्षों को सुरक्षित, निष्पक्ष एवं सौहार्दपूर्ण वातावरण प्रदान करते हुए संवाद कराया गया, जिसके परिणामस्वरूप दंपति ने आपसी मतभेद दूर कर वैवाहिक जीवन को आगे जारी रखने पर सहमति व्यक्त की।
यह सभी काउंसलिंग दर्शाती है कि समय रहते निष्पक्ष और प्रशिक्षित व्यक्तियों द्वारा किया गया हस्तक्षेप, संरचित मध्यस्थता और संवेदनशील दृष्टिकोण- दंपतियों में शांति और सौहार्द स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है तथा समुदाय में सकारात्मक माहौल बनाने में सहायक हो रहा है। पुलिस कमिश्नर श्रीमती लक्ष्मी सिंह के निर्देशन में कमिश्नरेट गौतमबुद्धनगर द्वारा महिला सुरक्षा, सामुदायिक सहयोग एवं अपराध निवारण को लेकर निरंतर बहुआयामी व प्रभावी कार्यवाही की जा रही है, जिससे समाज में सुरक्षा एवं विश्वास की भावना को और अधिक सुदृढ़ किया जा रहा है।
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