ग्रेटर नोएडा/ फेस वार्ता: गलगोटिया विश्वविद्यालय में स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन (एसआईएच) 2025 के हार्डवेयर संस्करण का ग्रैंड फिनाले आज औपचारिक रूप से शुरू हो गया, जिसके साथ ही विश्वविद्यालय परिसर पाँच दिनों के लिए नवाचार और तकनीकी प्रयोगों के राष्ट्रीय केंद्र में बदल गया। देशभर के 20 विश्वविद्यालयों से आये 120 विद्यार्थी तमिलनाडु, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, दिल्ली और चेन्नई क्षेत्र सहित विभिन्न राज्यों का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। ये प्रतिभागी मंत्रालयों द्वारा दिए गए वास्तविक समस्या-वक्तव्यों पर अपने मॉडल, प्रोटोटाइप और तकनीकी समाधान विकसित करेंगे।
इससे पहले, एसआईएच 2025 का केंद्रीय उद्घाटन नई दिल्ली स्थित एआईसीटीई मुख्यालय में हुआ, जहाँ चेयरमैन प्रो. टी.जी. सीताराम, एआईसीटीई के वाइस चेयरमैन डॉ. अभय जेरे, मेंबर सेक्रेटरी डॉ. श्यामा राठ, एसबीआई फाउंडेशन के एमडी स्वपन धार, टीसीएस से डॉ. सुचेंद्र, तथा आई4सी के सचिव डॉ. प्रताप सानप उपस्थित रहे। केंद्रीय समारोह में बताया गया कि इस वर्ष हैकाथॉन ने रिकॉर्ड-तोड़ सहभागिता दर्ज की है, जिसमें 72,165 नवोन्मेषी विचार, 68,766 छात्र टीमों की प्रविष्टियाँ, 1,360 फाइनलिस्ट टीमों और 201 शहरों व 727 संस्थानों का प्रतिनिधित्व शामिल है।गलगोटिया विश्वविद्यालय के उद्घाटन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. कैस्ट्रो जयप्रकाश टी. और विशिष्ट अतिथि अंकुश प्रकाश शर्मा उपस्थित रहे। कार्यक्रम में हैग्री इनोवेशन प्रा. लि. के टेक्नोलॉजी इनोवेशन निदेशक अनिरुद्ध ठाकुर भी शामिल हुए।
अपने प्रेरक उद्बोधन में डॉ. कैस्ट्रो जयप्रकाश टी. ने कहा कि नवाचार के लिए हमारे पास समय कम है और सोच सीमित नहीं होनी चाहिए। उन्होंने छात्रों को “आउट ऑफ द बॉक्स” सोचने की प्रेरणा देते हुए कहा कि युवा मस्तिष्क ही भविष्य को नई दिशा देने की शक्ति रखते हैं।इस अवसर पर गलगोटिया विश्वविद्यालय के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. ध्रुव गलगोटिया ने कहा कि,“एसआईएच 2025 का नोडल सेंटर बनने का सम्मान हमारे लिए गर्व की बात है। यह केवल एक प्रतियोगिता नहीं, बल्कि युवा नवाचार को राष्ट्र-निर्माण से जोड़ने का शक्तिशाली मंच है। गलगोटिया विश्वविद्यालय लगातार शोध, नवाचार और स्टार्टअप संस्कृति को बढ़ावा देता आया है, और हमें विश्वास है कि यहाँ से उभरने वाले समाधान भारत के तकनीकी भविष्य को नई दिशा देंगे।” पहले दिन हैकाथॉन की गतिविधियाँ औपचारिक रूप से शुरू हुईं, जहाँ प्रतिभागी टीमों ने अपने प्रस्तावित मॉडलों और हार्डवेयर समाधानों को प्रदर्शित किया। पूरे दिन कैंपस में उत्साहपूर्ण माहौल रहा, जहाँ छात्र अपने विचारों को निखारते हुए मेंटर्स और विशेषज्ञों के साथ संवाद करते रहे। प्रत्येक टीम को लगभग 7 से 10 मिनट का मार्गदर्शन सत्र मिला, जिसमें विशेषज्ञ पैनल, मंत्रालय प्रतिनिधि और विषय विशेषज्ञों ने सुझाव प्रदान किए। मूल्यांकन की पहली चरण प्रक्रिया भी संपन्न हुई, जिसमें प्रस्तुत किए गए विचारों का विश्लेषण और अगले चरणों के लिए रणनीतिक फीडबैक दिया गया। दिन के अंत में आयोजित सांस्कृतिक प्रस्तुति ने प्रतिभागियों को ऊर्जा से भर दिया और पूरे कैंपस में उत्साह का नया माहौल बना दिया। नोडल सेंटर के रूप में गलगोटिया विश्वविद्यालय ने पूरे आयोजन की सुचारू व्यवस्था, तकनीकी सहयोग और रचनात्मकता को बढ़ावा देने वाला वातावरण सुनिश्चित किया। विश्वविद्यालय ने एक बार फिर यह सिद्ध किया कि वह राष्ट्रीय स्तर पर उभरती प्रतिभाओं को मंच देने और तकनीकी नवाचार को आगे बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है।
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