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नवाचार की नई ऊँचाइयों पर पहुँचे प्रतिभागी, गलगोटिया विश्वविद्यालय में एसआईएच 2025 के तीसरे दिन दिखा अभूतपूर्व फोकस।

ग्रेटर नोएडा/फेस वार्ता:गलगोटिया विश्वविद्यालय में आयोजित स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन (एसआईएच) 2025 के तीसरे दिन प्रतिभागियों का उत्साह और फोकस पहले से कहीं अधिक तीव्र दिखाई दिया। देशभर से आए छात्र अपने प्रोटोटाइप को अंतिम रूप देने की दिशा में जिस समर्पण के साथ जुटे, उसने पूरे आयोजन को नई गति प्रदान कर दी। देश को इन्नोवेटिव भारत की दिशा में आगे बढ़ाने की उनकी प्रतिबद्धता स्पष्ट रूप से नजर आई, जहाँ टीमें शिक्षा मंत्रालय, सामाजिक न्याय मंत्रालय और आयुष मंत्रालय द्वारा दिए गए वास्तविक समस्या-वक्तव्यों पर समाधान विकसित करने में लगातार लगी रहीं।पूरे परिसर में तकनीकी चर्चाओं, समाधान परीक्षण और निरंतर सुधार की प्रक्रिया ने एक नई ऊर्जा भर दी। कई टीमें अपने प्रोटोटाइप के अंतिम और सबसे कठिन चरण में थीं, जहाँ वे तत्काल तकनीकी चुनौतियों को सुलझाती, प्रस्तुतिकरणों को निखारती और अपने समाधान को अधिक प्रभावी बनाने की दिशा में कार्यरत रहीं।दिनभर गलगोटिया विश्वविद्यालय के कैंपस में आगंतुकों, विशेषज्ञों, उद्योग प्रतिनिधियों और मेंटर्स की मौजूदगी ने माहौल को और जीवंत बनाया। वे टीमों के कार्य का अवलोकन करते हुए छात्रों के साथ विचार-विमर्श कर रहे थे। कई अतिथियों ने प्रतिभागियों की अनुशासन, समर्पण, रचनात्मकता और भविष्य-उन्मुख समाधानों की सराहना की। छात्रों का उद्देश्य स्पष्ट थाकृमंत्रालयों की जटिल और व्यावहारिक समस्याओं का तकनीक-आधारित समाधान तैयार करना।तीसरे दिन भी गलगोटिया विश्वविद्यालय ने एक सक्रिय नवाचार केंद्र के रूप में अपने दायित्वों को बेहतरीन तरीके से निभाया। उच्च स्तरीय तकनीकी सुविधाओं, 24×7 मेंटर सहयोग और सहयोगात्मक वातावरण ने टीमों को अपने विचारों को और गहराई से समझने व निखारने का अवसर दिया। फैकल्टी कोऑर्डिनेटर्स और उद्योग विशेषज्ञों ने छात्रों को समाधान की तकनीकी मज़बूती और व्यावहारिक उपयोगिता के बारे में महत्वपूर्ण सलाहें प्रदान कीं।जम्मू-कश्मीर, तमिलनाडु, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र सहित कई राज्यों की टीमें अंतिम मूल्यांकन की ओर बढ़ रही हैं। आज की गति, गहराई और संकल्प ने यह फिर साबित किया कि भारत का युवा न केवल नवाचार में सक्षम है, बल्कि वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी तकनीकी समाधान देने की क्षमता भी रखता है।दिन के अंत में गलगोटिया विश्वविद्यालय के परिसर में एक ही संदेश स्पष्ट रूप से महसूस किया गयाकृदेश का युवा दृढ़ निश्चय, रचनात्मकता और राष्ट्रीय गर्व के साथ नवाचार और सस्टेनेबल भारत के निर्माण में अभूतपूर्व योगदान दे रहा है। यह ऊर्जा न केवल नवाचार-आधारित विकास को गति दे रही है, बल्कि आत्मनिर्भर भारत के मिशन को भी नए आयाम प्रदान कर रही है।

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