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गलगोटिया विश्वविद्यालय में एसआईएच 2025 का ग्रैंड फिनाले संपन्न

गलगोटिया विश्वविद्यालय में एसआईएच 2025 का ग्रैंड फिनाले संपन्न, युवा नवाचारों से साकार हो रहा प्रधानमंत्री का “श्रेष्ठ भारत” विज़न
ग्रेटर नोएडा, फेस वार्ता:।स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन (एसआईएच) 2025 का पाँचवाँ और अंतिम दिन गलगोटिया विश्वविद्यालय में उत्साह, उपलब्धियों और तकनीकी नवाचार के साथ संपन्न हुआ। देशभर से आए प्रतिभागियों ने अपने परियोजनाओं के माध्यम से आत्मनिर्भर भारत और “श्रेष्ठ भारत” के विज़न को साकार करने की दिशा में उल्लेखनीय योगदान प्रस्तुत किया। पाँच दिनों तक विश्वविद्यालय परिसर नवाचार, दृढ़ता और युवा ऊर्जा का केंद्र बना रहा।
मुख्य अतिथि प्रो. प्रदीप कुमार प्रजापति, निदेशक, अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान ने प्रतिभागियों का उत्साहवर्धन करते हुए कहा “भारत का भविष्य उन युवा दिमागों के हाथों में है जो वास्तविक समस्याओं पर काम करने का साहस रखते हैं। स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन जैसे मंच न केवल नवाचार को गति देते हैं, बल्कि राष्ट्र को तकनीकी रूप से स्वावलंबी बनाने की दिशा में ठोस कदम भी हैं।उन्होंने प्रतिभागियों को अपनी रचनात्मकता को समाजहित में और आगे बढ़ाने की प्रेरणा दी। प्रोजेक्ट्स का मूल्यांकन सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के श्री मोहित गुप्ता, तथा आयुष मंत्रालय की डॉ. शालिनी राय और उनकी टीम द्वारा किया गया। मूल्यांकन मौलिकता, तकनीकी व्यवहार्यता और सामाजिक प्रभाव के आधार पर हुआ।
समापन अवसर पर गलगोटिया विश्वविद्यालय के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. ध्रुव गलगोटिया ने कहाःएसआईएच 2025 ने यह साबित किया है कि भारत के युवा न केवल तकनीकी रूप से सक्षम हैं, बल्कि वे आत्मनिर्भर भारत की वास्तविक नींव तैयार कर रहे हैं। नोडल सेंटर के रूप में गलगोटिया विश्वविद्यालय का चयन हमारे लिए गर्व की बात है, और हम आने वाले वर्षों में भी राष्ट्रीय नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूती देने के लिए प्रतिबद्ध रहेंगे। स्वदेशी फॉर आत्मनिर्भर भारत श्रेणी के अन्तर्गत रोबोटिक्स एवं ड्रोन में गलगोटिया विश्वविद्यालय, ग्रेटर नोएडा की टीम ओरोबोनिक्स और सत्यभामा इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी, चेन्नई संयुक्त विजेता रहे वहीं सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय में वेल्लोर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, चेन्नई और पीईएस कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, मांड्या, कर्नाटक विजयी रहे।आयुष मंत्रालय की श्रेणी में महाराजा सूरजमल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, जनकपुरी, नई दिल्ली की टीम और श्री कृष्णा कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, कोयंबटूर, तमिलनाडु घोषित हुए।सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय की नियंत्रित कलाई हाथ ऑर्थोसिस श्रेणी में संयुक्त विजेता घोषित विद्यावर्धक कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, मैसूरु, कर्नाटक और चेन्नई इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, मलयंबक्कम, तमिलनाडु विजयी रहे।समापन समारोह में यह घोषणा की गई कि सर्वोत्तम प्रोजेक्ट्स को आगामी राज्य-स्तरीय प्रदर्शनी में प्रस्तुत किया जाएगा। छात्रों, मेंटर्स, उद्योग प्रतिनिधियों और अभिभावकों की उल्लेखनीय उपस्थिति ने आयोजन के अंतिम दिन को और प्रेरणादायक बना दिया।
पाँच दिनों की इस यात्रा ने यह स्पष्ट कर दिया कि भारत का युवा केवल प्रतियोगिता नहीं कर रहा, बल्कि तकनीक-चालित श्रेष्ठ भारत के निर्माण का नेतृत्व कर रहा है।

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