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जी.एल. बजाज इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट, ग्रेटर नोएडा में स्मार्ट इंडिया हैकथॉन 2025 (SIH)

ग्रेटर नोएडा गौतमबुद्धनगर/फेस वार्ता भारत शर्मा: जी.एल. बजाज इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट, ग्रेटर नोएडा में को स्मार्ट इंडिया हैकथॉन 2025 (SIH) को लेकर प्रेस कॉन्फ़्रेंस का सफल आयोजन किया गया। सम्मेलन में SIH 2025 से संबंधित सभी प्रमुख बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा की गई। शिक्षा मंत्रालय के इनोवेशन सेल (MIC) एवं AICTE द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित देश की सबसे बड़ी नवाचार पहल स्मार्ट इंडिया हैकथॉन (SIH) इस वर्ष अपने 8वें संस्करण में प्रवेश कर रही है। 8 दिसंबर 2025 से राष्ट्रव्यापी स्तर पर इसका ग्रैंड फिनाले आयोजित किया जाएगा।
जी.एल. बजाज को इस वर्ष हार्डवेयर संस्करण के लिए नोडल सेंटर के रूप में चयनित किया गया है, जो संस्थान के लिए गौरव का विषय है। ग्रैंड फिनाले तिथियाँ:सॉफ्टवेयर: 8–9 दिसंबर 2025,हार्डवेयर: 8–12 दिसंबर 2025
कुल नोडल सेंटर: 60:42 सॉफ्टवेयर, 18 हार्डवेयर
 राष्ट्रीय स्तर पर रिकॉर्ड सहभागिता:विचार प्रस्तुतियाँ (National Level),  कुल प्राप्त आइडियाज़: 72,165, कुल टीम्स: 68,766
समस्या वक्तव्य: 271
आंतरिक हैकथॉन (Institution Level)
हैकथॉन आयोजित संस्थान: 2,587
प्रतिभागी टीम्स: 1,42,715
कुल छात्र: 8,26,635
कुल छात्राएँ: 3,34,456
यह उत्साही सहभागिता विकसित भारत @2047 के प्रति युवाओं की जागरूकता एवं प्रतिबद्धता को दर्शाती है ग्रैंड फिनाले टीम चयन कुल चयनित टीमें: 1,360
सॉफ्टवेयर: 857, हार्डवेयर: 403
कुल छात्र: 8,160, कुल छात्राएँ: 2,993, ऑल-गर्ल्स टीमें: 53 मेंटर्स: 1,365
भाग लेने वाले संस्थान: 727
प्रतिनिधित्व करने वाले शहर: 201
 समस्या वक्तव्य – बहु-क्षेत्रीय सहभागिता
58 केंद्रीय मंत्रालय/विभाग
15 राज्य विभाग, 7 PSU एवं उद्योग सहयोगी
 SIH – भारत के नवाचार तंत्र को मजबूत करने की अग्रणी पहल,स्मार्ट इंडिया हैकथॉन छात्रों को प्रदान करता है: पेटेंट एवं IPR अवसर
स्टार्टअप निर्माण उद्योग–अकादमिक सहयोग
वास्तविक समस्याओं के तकनीकी समाधान
राष्ट्रीय नीति निर्माण में सहभागिता 2017 में शुरू हुआ SIH आज दुनिया का सबसे बड़ा ओपन इनोवेशन मॉडल बन चुका है।
 नेतृत्व के विचार
 पंकज अग्रवाल, वाइस चेयरमैन, जी.एल. बजाज हार्डवेयर संस्करण के लिए नोडल सेंटर के रूप में चयनित होना हमारे लिए गर्व का विषय है। यह पहल छात्रों की नवोन्मेषी क्षमता को बढ़ावा देने और भारत की तकनीकी प्रगति में योगदान देने की दिशा में एक बड़ा कदम है।”
प्रो. (डॉ.) प्रीति बजाज, निदेशक, GLBITM
आज की सबसे बड़ी चुनौती है—छात्रों में वास्तविक समस्या-समाधान कौशल विकसित करना। जब सरकार द्वारा दिए गए समस्याओं का समाधान छात्र स्वयं प्रस्तुत करते हैं, तब वे शासन का हिस्सा बनकर विकसित भारत के निर्माण में सक्रिय योगदान देते हैं।”
प्रेस कॉन्फ़्रेंस में प्रो. (डॉ.) प्रीति बजाज, सुनील दत्त, डॉ. शशांक अवस्थी, डॉ. महावीर एस. नरूका, डॉ. पूर्णेंदु शेखर पांडे, डॉ. मोहित बंसल, डॉ. सत्येन्द्र शर्मा, डॉ. पी. सी. वशिष्ठ, डॉ. संसार सिंह चौहान एवं डॉ. संजीव सिंह पिप्पल उपस्थित रहे।

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